सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप
इम्तिहां लेता है वह जाने बहारां सौ-सौ
सामने मेरे बहकने के हैं सामां सौ-सौ
She puts me to test hundred times excessively
When I have before eyes things allury so many
हमने पूछा की कहें तुमसे हम इक अपनी तलब
उसका लहराते हुए कहना कि “हाँ हाँ” सौ-सौ
I sought permission to tell one demand mine
She replied joyously ,”yes” “yes”-“hundred”- “hunder ” “thou pine”
तीरे-ए नादीदा ने घायल किया दिलदार का दिल
साथ उसके रहे उसके थे निगह्बां सौ-सौ
The unseen arrow wounded boloved’s heart
The her remained for her rescue protectors smart
एक भी कोई नहीं जिसपे किया जाये यकीं
तेरी कसमें हैं वफ़ा की लबे जानां सौ-सौ
Not a single one is there upon whom can be placed reliance
Though she releases hundreds of promises of faithfulness at fence
इश्क़ में हाल यही है कि जो है हाल ए ख़राब
एक बेचारा है दिल जिसमे हैं अरमां सौ-सौ
This is poor plight in love of afflicted lover
Heart is one but desires hundreds flourish there
एक हम कुफ़्र-ए मोहब्बत में हैं यकता-ए जहां
हम लुटा देते हैं उस शख्स पे इमां सौ-सौ
I am exclusive in following love’s infidelity
I sacrifice hundreds of faiths upon her definitely
मैंने जब जीत लिया उसको तो खुद उसने कहा
रेहमतें तुझपे हों अये हिम्मते मर्दां सौ-सौ
When I won her ,she said and said praisingly
May hundreds of favor be upon courage manly
उनपे जब होता है इरफान-ए मोहब्बतका असर
मिलते हैं खूब गले गब्रो मुसलमां सौ-सौ
When effects the knowledge of love upon them truely
Embrace hundreds Muslims Hindus and Hindus muslims sincerely
बेरुखी आँख चुराना यही क्या कम है सुहैल
उसके पास और भी हैँ ज़ुल्म के पैकां सौ-सौ
Her ignoring gesture and avoidance are sufficient
She possesses even hundreds of other arrows to rent
तीरे-ए नादीदा = अनदेखा तीर II निगेबां= रक्षक II लब-ए जाना =प्रेसी के होंठIIII यकता-ए जहां= संसार में एक II इमां=धर्म II पैकां= तीर II गब्र = हिन्दू II
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